नितीश कुमार को देख कर एक बहुत पुराना चुटकुला याद आ रहा है .....
एक देहाती शहर अपने मित्र के घर पर आया और कुछ धंधा करने की सलाह लेने लगा ..
शहरी मित्र ने उसे प्रशिक्षित करने के लिए कहा चलो एक काम करो मैं किराना दूकान का मालिक बन जाता हु और तुम ग्राहक ..
शहरी मित्र सेठ की कुर्सी पर और देहाती आ कर - भैया गुड की दो लीटर वाली बोतल देना
शहरी मित्र - अरे भाई ऐसे नहीं गुड भी भला कभी लीटर में आता है किलो में मांगो
देहाती फिर से - भैया दो किलो गुड देना बोतल में डाल के ...
शहरी मित्र - अरे गवार तू नहीं समझेगा चल तू सेठ बन मैं ग्राहक बन कर आता हु
शहरी मित्र - अरे सेठ जी दो किलो गुड देना
देहाती - बोतल लाये हो .....
बिलकुल इसी तरह हमारे नितीश कुमार जी का हाल है जिन के लिए मोदी जी बोतल के सामान हो गए है .....कही भी कोई भी बात कहनी हो लेकिन उस देहाती की बोतल की तरह मोदी जी उन के दिल दिमाग में बस गए है और उन का भय उन्हें बार बार हर बार बस मोदी जी की ही आलोचना करने में लगा देता है ....
अरे भैया चुनाव आप को कांग्रेस के खिलाप लड़ना है न की अपनी ही गठबंधन पार्टी के खिलाफ ...
जय बाबा बनारस ....
एक देहाती शहर अपने मित्र के घर पर आया और कुछ धंधा करने की सलाह लेने लगा ..
शहरी मित्र ने उसे प्रशिक्षित करने के लिए कहा चलो एक काम करो मैं किराना दूकान का मालिक बन जाता हु और तुम ग्राहक ..
शहरी मित्र सेठ की कुर्सी पर और देहाती आ कर - भैया गुड की दो लीटर वाली बोतल देना
शहरी मित्र - अरे भाई ऐसे नहीं गुड भी भला कभी लीटर में आता है किलो में मांगो
देहाती फिर से - भैया दो किलो गुड देना बोतल में डाल के ...
शहरी मित्र - अरे गवार तू नहीं समझेगा चल तू सेठ बन मैं ग्राहक बन कर आता हु
शहरी मित्र - अरे सेठ जी दो किलो गुड देना
देहाती - बोतल लाये हो .....
बिलकुल इसी तरह हमारे नितीश कुमार जी का हाल है जिन के लिए मोदी जी बोतल के सामान हो गए है .....कही भी कोई भी बात कहनी हो लेकिन उस देहाती की बोतल की तरह मोदी जी उन के दिल दिमाग में बस गए है और उन का भय उन्हें बार बार हर बार बस मोदी जी की ही आलोचना करने में लगा देता है ....
अरे भैया चुनाव आप को कांग्रेस के खिलाप लड़ना है न की अपनी ही गठबंधन पार्टी के खिलाफ ...
जय बाबा बनारस ....
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