Sunday, December 1, 2013

शेरसिह की तरक्की

शेरसिह पुलिस मे नौकरी करता था, उस रेंज के आय.जी.साहब की और से खबर आई कि उन्हे शेर का शिकार करना है शिकार की व्यवस्था हो गई शेरसिह ने मचान बन्धवा दिया और कुछ दुरी पर बकरे के गले मे घंटी बान्ध दी कि शेर आये बकरे का शिकार करने और आय.जी.साहब फिर शेर का शिकार करे.. साहब आये अपनी बीबी और बेबी के साथ , साथ मे डी.आय.जी.साहब और एस.पी.साहब भी, सभी मचान पर बैठ गये, शेरसिंह टार्च लेकर खड़ा था कि कि जैसे ही शेर को देख घबराहट मे बकरे की घंटी बजे वो टार्च की रोशनी डाले और आय.जी.साहब बन्दुक चलाये, काफी देर हो गई शेर नही आया बेबी ने पुछा मम्मी शेर कब आयेगा, मम्मी ने आई.जी .साहब से, आई.जी. ने डी.आई.जी.से , डी.आई जी.ने एस.पी.से , एस.पी ने शेरसिह से, शेरसिंह ने कहा कि जब साहब आये है तो शेर जरूर आयेगा सरकारी हुक्म है कौन टाल सकता है, सब पास-पास ही बैठे थे,तो उसी क्रम मे बात बेबी तक पहुचाई गई जिस क्रम मे वह फाईल की तरह मूव् हुई थी, तभी एक दहाड़ सुनाई दी.. डर से सबका जीवन -जल कपड़ो से निकल कर बह गया, शेरसिह ने टार्च फेकी , भले जी जीवन-जल निकल जाने से शक्ति तो ना बची थी पर चूकि प्रतिष्ठा का सवाल था तो आय.जी.साहब ने कांपते हाथो से बंन्दुक चला दी, निशाना लगाया था शेर पर, लेकिन सरकारी निशाना है , तो लगा बकरे पर, अन्धेरा था शेरसिह छोटा कर्मचारी था तो उसके अलावा किसी को नही दिखा किस पर चोट हुई , आई.जी साहब ने डी.आई.जी.साहब से पुछा कि शिकार कैसा रहा , तो फिर वही फाईल की तरह क्रम शेरसिह तक. शेरसिह होशियार था, बकरे का नाम लिये बिना कहा "शिकार अंतिम सांस ले रहा है,.." यह मेसेज फाईल की तरह फिर आई.जी. साहब तक पहुचा आई.जी.साहब ने पत्नि से मुस्कराते हुवे कहा कि कहा "शिकार अंतिम सांस ले रहा है, .." बात बेबी तक पहुचने के बाद साहब वहा से निकल लिये, और डी.आय.जी.साहब ने शेरसिह की तरक्की के लिये रिकमेंड कर दिया, शिकार बकरे का और तरक्की शेरसिह की, देखो तो कहानी है और सोचो तो सरकारी फाईल के चलने का ढंग़ ...!!

3 comments:

  1. मजा आ गया
    मगर सच्चाई यही है

    कुछ जड़ी बूटियों को घड़े में हल्दी के साथ बंद करके मैंने एक दवा तैयार की है जो बुढ़ापे के असर को अस्सी प्रतिशत तक कम कर देगी ,नये बाल उग जायेंगे ,टूटे दांत भी निकल सकते हैं हड्डियों और जोड़ों के सारे दर्द गायब हो जायेंगे। अगर आपको चाहिए तो फोन कीजिये मुझको।

    ReplyDelete
  2. बहुत रोचक , कौशल भाई लगता है सरकारी नौकरी कर चुके हैं :) मंगलकामनाएं आपको !!

    ReplyDelete