Saturday, September 25, 2010

क्या जाती आप को रोटी देती है,क्या मंदिर और मस्जिद आप को रोटी देते है

आज रविवार का दिन है छुट्टी का दिन है सुबह सुबह कुछ लोगो के ब्लॉग पर जाकर कुछ पढ़ा
कोई मंदिर पर ,कोई जाती पर बहुत ही बिशेष बल दे रहा है
मेरी समझ में एक बात नहीं आती है की क्या आपलोगों को जाती रोटी देते है
आप लोग कल से काम पर म़त जाओ फिर देखो की क्या आप की जाती के लऊगआप की रोजमर की जरुरत को पूरा करने में सक्षम है जवाब होगा --नहीं
जब जबाब नहीं में है तो फिर कियो जाती का हो हल्ला करते हो
रह गए मंदिर और मस्जिद की बात क्या मंदिर और मस्जिद आप को रोटी देते है ----जबाब होगा ---नहीं
तब फिर कियो कहते है की यह मेरा मंदिर है और यह मेरी मस्जिद है ---यह सब उनलोगों की करामत है जिनलोगो के पेट भरा है वोह लोग अपने मनोरंजन के लिया यह सब नाटक करवाते है
अपना पेट आप नै खुद ही भरना है ,एक बहुत बड़ी आबादी को इन सब से कोइए लेना देना नहीं है
बल्कि वोह सब लोग तो इन सब के नाम से जो हो हल्ला होता है उस से डरते है
जैसे जाट आन्दोलन करिओ नै दिल्ली में जम कार उत्पात मचाया
बेचारा रेहड़ी वाला उसका सामान लूट कार खा गए रेहड़ी पलट दी
यह पुछा था की वोह किस जाती का है वोह तो सदमे मेंआगया उसकी तो रोजी रोटी वोही थी
क्या जाट नेता लोगो नै उसकी रोजी रोटी का दुबारा इन्तिज़ाम क्या ---जबाब होगा ---नहीं
वोह बेचारा रेहड़ी वाला खुद ही दुबारा अपनी रोजी रोटी का इन्तिजाम करेजा
इसी लिया कहता हूँ की यह सब हम को आप को रोजी रोटी नहीं दे सकते ही ---केवल आप का सोसण कार सकता है इन सब से बचो और अपने आप को आगे ले कर तरक्की करो

16 comments:

  1. बेहतर बात...
    ये हम आपको तो रोजी-रोटी नहीं दे रहे...
    पर कुछ लोगों की रोटी इसी से मिल रही है...बिना परिश्रम किये...
    इसलिए टिके हुए हैं....

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  2. बहुत ही उम्दा...

    ये बात सही है - जाति और मंदिर-मस्जिद रोटी नहीं देते - ये तो मात्र जिदगी को कैसे जिया जाए - उसका संबल है.

    अच्छी भावनाएं व्यक्त कि आपने - साधुवाद.

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  3. ravi kumar ji ki baat sahi hai
    ki kuch logo ki rogi roti ise sai chal rahi hai .

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  4. ये बात सही है - जाति और मंदिर-मस्जिद रोटी नहीं देते - ये तो मात्र जिदगी को कैसे जिया जाए - उसका संबल है.
    deepak ji nai sahi keha

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  5. सही बात कह रहे हैं, मिश्रा जी। रोटी तो तभी मिलेगी जब कुछ काम करेंगे।
    हां, रोटी सेंकने के लिये मुद्दों की कमीं नहीं हमारे देश में।

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  6. kam karoge tabhi daam milaga
    mo sam kaun ji

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  7. mandir masjid vair karete
    male karti madushala.
    yeh bacchan ji ki kavita hai madhushala .
    aaj kal kai netao nai iska kiya kar dala

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  8. ये बात सही है - जाति और मंदिर-मस्जिद रोटी नहीं देते

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  9. sanjay ji aap kai aane ka sadhanavad.

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  10. जिन्दगी में रोटी ही सब कुछ नहीं होती !!

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  11. बहुत ही उम्दा..

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  12. रोटी जो देता है उसको ही याद नहीं रख रहे तो क्या रोजी और क्या रोटी.
    मंदिर के मामले पर ही तो रोजी रोटी याद क्यों आती है?
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

    प्रति रविवार एक पोस्ट का विश्लेषण, जरूर देखें

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  13. jatiwaad ek paap hai. madir msjid, aatma ko satushti dete hain. roti mandi masjid main jane walon main ladwa ke ginti ke kuch loog khatehain.. Jagrug ho jae insaan yahee iska hal hai.

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