हमने खुली आखो से एक सपना देखा था ,अपने आजाद भारत का ,और अब हम देख रहे है ,आजाद भारत को गुलामी की ओर जाते हुआ ,यह कोइए सपना नहीं है ,कोई विदेशी आप के देश मै आकर आप के देश की शान में गुस्तखई करे ओर आप उसकी शान में कसीदे पढ़ रहे है ,यह आप की गुलाम मानसिकता का प्रतीक है ,अगर यही हाल रहा तो कोइए बड़ी बात नहीं है की हमारी अगली पीढ़ी फिर से किसी न किसी की गुलाम हो,
फिर आप कहेना की गुलामी से आच्छी koi जिंदगी नहीं होती ,
जय जवान जय किसान की जगह,
जय जवान जय गुलाम का नारा आप को देने होंगे
kaushal ji ,
ReplyDeletebahut hi yatharth parak post.bahut badhiya.
poonam
कितना कड़वा पर सच
ReplyDelete