कल कुछ काम का बोझ कम था सोचा चलो कुछ धरम करम का काम हो
पहुच गए चतरपुर मंदिर बड़ी लम्बी लाइन कोइए बात नहीं
जल्दी नंबर आ गया मंदिर के अंदर हलुइअ का प्रसाद बट रहा था
कुछ लोग प्रसाद जरुर लेते और उस प्रसाद को खाते नहीं थे
थोडा आगे चल कर किसी खिड़की के पास रख देते
भाई अपनी समझ में यह बात नहीं आय
जब खाना नहीं था तो लिया कियो
यह तो वो बात हो गयी सरकार तेल दे पल्ले में ले
मतलब फ़ोकेट में कुछ भी मिले एक बार ले लो
आखिर हमारे देश में ऐसा कियु होता है
लोग बड़े मन से कुछ बाटत है
और आप उसको लाकर बेकार वस्तु की तरह कूड़ा समजहते हो
विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं...
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