१.खूबसूरत ओठ के लिए विन्रमता के शब्द बोलें।
२.खूबसूरत आँखों के लिए, लोगों में अच्छाइयाँ ढूंढो।
३.खूबसूरत काया के लिए अपने भोजन को
जो भूखे हों उनमें बांटे।
४.खूबसूरत चाल के लिये, यह सोच कर चलें कि आप अकेले नहीं हैं।
५.याद रखें कि यदि आपको कभी किसी की मदद की आवश्यकता हो उन्हें अपने दोनों कंधों के अन्त में पायेगे। जैसे, जैसे आप अधिक आयु के होगें आपको ज्ञात होगा कि आपके पास दो हाथ हैं जिसमें कि और एक हाथ आपके स्वयं के मदद के लिए तथा दूसरा, दूसरों की मदद के लिए है।
६।स्त्री की खूबसूरती उनके कपड़ों या उनके शरीर में या किस तरह से बाल झाड़ती है उससे नहीं है। उनकी खूबसूरती उनकी आँखों में देखी जा सकती है। यही रास्ता उनके दिल तक पहुंचने का है। जहां पर प्यार निवास करता है।
७।औरतों की खूबसूरती उनके चेहरों से नहीं होती है परन्तु उनकी आत्मा से झलकती है। उनकी खूबसूरती प्रेमपूर्वक दूसरों का ध्यान और ख्याल रखने के जोश में है।
८।मतलब कानों की शोभा कुंडल पहनने से नहीं श्रुतियों (श्रेष्ठ बातों ) को सुनने में हैहाथ की सुन्दरता कंगन से नहीं दान देने में है ॥और सारे शरीर की लोक सेवा से न कि चन्दन के लेप से है
कुछ भी जो पढ़ने मे आच्हा लगता वो औरो के साथ शेयर करो आज यही कुछ पढ़ा था जो ठीक लगा आप लोगो के सामने है .भाई यह किसी और के विचार है
आप लोगो के विचार सादर आमंत्रित है
लगता है इतवार का पूरा फायदा उठाया है आपने......
ReplyDeleteअच्छा पढ़ लिया और अच्छा शेयर किया...
jab aap rohtak nahi le gaye to ka kare.
ReplyDeleteबहुत अच्छे विचार है
ReplyDeleteशेयर करने के लिए धन्यवाद
भाई मद्रास जरूरी था या रोहतक.....
ReplyDeleteपेपर तो मद्रास जाना था न .... एक्स्हिबिशन तो वहीं है ... रोटी तो वहीँ से मिलेगी न.......
dimag ke halchal ke liye rohtak jana jaruri tha.
ReplyDeletepet ki halchal ke liye madras jaruri hai.
औरतों की खूबसूरती उनके चेहरों से नहीं होती है परन्तु उनकी आत्मा से झलकती है।
ReplyDelete.
बहुत खूब कहा है