Wednesday, October 13, 2010

सब्र करना तो सीख लें।

आज सुबह सुबह एक ब्लॉग पर गए बहुत सुंदर कविता उस ब्लॉग पर थी
उसकी एक लाइन दिल को छू गयी लाइन है (सब्र करना तो सीख लें। )
बहुत ही सुंदर बात इस लाइन में केही गयी है अगर हम और आप इस लाइन से कुछ सीख ले सकते है तो सीक ले
जीवन का सार्थक तत्वा इस लाइन में है हम लोग भीड़ में आगे निकलना चाहते है अपनी बरी का इन्तिज़ार नहीं करते है आप अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में सुबह से लाकर शाम तक कहा लाइन में लगते है
आजकल मंदिर में दर्शन के लिया खूब मारा मारी है
लोग बाग मंदिर में शांति की तलाश में जाते है
मंदिर में एक के उपर एक लगता है की भगवन सिर्फ इनका ही इन्तिज़ार कर रहे है
आओ भक्त में तो सुबह से ही तुम्हारा इन्तिज़ार कर रहा हू।
सुबह सुबह आप स्कूल बस का नजारा देखे कुछ बच्चे लाइन में लगना
अपनी शान के खिलाफ समांjhate है
वही आगे चल कर हर काम में बेसब्री दिखाते है
सब्र करना तो सीख लें।तो हम बहुत ही आगे जा सकते है सब्र करना बहुत ही जरुरी है

3 comments:

  1. aapne mere blog par aakar sirf ek hi lina ko itna vistrit roop de diya tha meri kavita itane ko dhyaan se padha uske liye main aapko dil se bahut bahut dhanyvaad deti hun.
    hardik shubh -kamnaaon ke saath-----
    poonam

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  2. kaushal sahab aapne bilkul sahi kaha,
    sabr karna to sikh le"

    ek sher aapke baat ka purak lagta hay..

    sabr karo sabr karo
    sabr badi chiz hay
    aaj raat me chand dekho
    kal subah me idd hay.

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  3. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया ...........माफी चाहता हूँ..

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